शुभमाल छंद
शुभमाल छंद -यह एक वर्णिक छंद है। इस छंद के प्रत्येक चरण में दो जगण ( ।ऽ।, ।ऽ।) का प्रयोग होता है।इस छंद में कुल चार चरण होते हैं। दो-दो चरणों में तुकांत का निर्वाह आवश्यक होता है।
भजो प्रभु नाम।
सदा सुख धाम।
धरो मन धीर।
हरें हर पीर।।1
प्रदूषण रोक।
हरो सब शोक।
करो जब सैर।
रहे तब खैर।।2
करो प्रभु जाप।
मिटे भव ताप।
बने मन फूल।
मिटे हर शूल।।3
बुरा मत बोल।
रहो अनमोल।
जगा मन प्रीत।
यही बस जीत।।4
सुनो अनुनाद।
करो अनुवाद।
मिटे हर भ्रांति।
मिले जब शांति।।5
अरे मतिमंद।
मनोहर छंद।
रचो शुभमाल।
बजा करताल।।6
डाॅ बिपिन पाण्डेय