छंद
मातृदिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं🙏🏻🙏🏻
विश्व की समस्त मातृ शक्ति के पावन चरणों में सादर समर्पित…
घनाक्षरी छंद
ममता की मूर्ति तुम, जगत की कीर्ति तुम,
सरसाती सुधा सदा, देती बलिहारी हो।
अपने पाल्यो पे कष्ट, नही आने देती कभी,
करती यूँ दुआओं से, सदा रखवारी हो।
सूखे में सुलाती हमें, गीले में ही सोती सदा,
देती छाँव आँचल की, बड़ी हितकारी हो।
माँ! कैसे करे बखान, हम है बड़े अज्ञान,
बौने पड़ जाते शब्द, ऐसी वीर नारी हो।
अवनीश त्रिवेदी ‘अभय’