चढ़ा कर धन दौलत भगवान् को
चढ़ा कर धन दौलत भगवान् को
इंसान आज चढ़ा कर अपनी धन दौलत
उस विधाता के दरबार में
बड़ा अभिमान करता है
क्या वो यह जानता है की
उस को , भगवान् नहीं
शैतान इस्तेमाल
किया करता है
वो देने वाला है
तून लेने वाला है
तून क्या क्या दे सकता है ??
वो तो तेरे से सब कुछ ले सकता है >>
सब दिया उस का , उसी के कर्म से है
तेरा अपना भी सब उसी के कर्म से है
तेरा अपना कुछ नहीं , इस भ्रम में न जीना
जो आज तेरा है, कल वो किसी और का है
मांगता है तो इंसानियत के लिए कुछ मांग
अपने लिए तो हर इंसान मांगता है
जीवन अगर किसी के काम न आ सका
तो तेरे मांगने में बता,”अजीत” क्या मजा है !!
चढ़ा कर अपना सोना चांदी, धन दौलत और खजाना
यह सोच ले प्राणी यह सब पण्डों के ही काम है आना
यहाँ अब बोलियन लगाई जाती हैं, उच्च खजाने वालो की
हम तो बस एक दुआ लेकर आये हैं, सब का भला कर भगवान् !!
देखें किस की बोली में दम है,
वो तुम से ज्यादा, हम से रजामंद है
हम लालची नहीं, इंसान का भला मांगते हैं
यही दुआ, अपनी झोली फैलाकर , रोज मांगते हैं !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ