चौराहों पर दण्ड उन्हें दें…..गीत
आओ साथी सुनो कहानी, अपने हिन्दुस्तान की.
व्यर्थ यहाँ होती है पूजा आरक्षण भगवान की.
मजहब से जब बांटा भारत तब यह हिन्दू देश हुआ
शुद्ध धार्मिक है यह धरती सनातनी परिवेश हुआ
यद्यपि पंथ यहाँ बहुतेरे उन सबको भी आजादी
पाकिस्तानी निष्ठा फिर क्यों झेल रही है हर वादी
मुल्क अधर्मी (सेकुलर) नहीं बनाओ शपथ तुम्हें ईमान की
व्यर्थ यहाँ होती है पूजा आरक्षण भगवान की.
नहीं देश प्रति निष्ठा जिनमें वे ठहरे गद्दार यहाँ
चौराहों पर दण्ड उन्हें दें छीनें सब अधिकार यहाँ
मातृभूमि है जिनको प्यारी वे ही हैं भारतवासी
संविधान में सब समान यदि भेदभाव को दें फाँसी
मानवता ही धर्म सनातन, क़द्र करें इंसान की
व्यर्थ यहाँ होती है पूजा आरक्षण भगवान की.
पंद्रह सोलह अनुच्छेद में अजब विरोधाभास दिखे
समानता जब संविधान में आरक्षण क्यों टिका सखे
वोट बैंक नेताओं का यह करता प्रतिभा का भक्षण
इसे नहीं अपवाद बनाएं ख़त्म करें यह आरक्षण
क्या मखौल यह संविधान का? चाल किसी बेईमान की?
व्यर्थ यहाँ होती है पूजा आरक्षण भगवान की.
आओ साथी सुनो कहानी, अपने हिन्दुस्तान की.
व्यर्थ यहाँ होती है पूजा आरक्षण भगवान की.
–इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’