चौपाई
चौपाई
मन ओ जीवन अंदर अंदर l
सदा सत्य का मंजर मंजर ll
मन ओ जीवन बाहर बाहर l
झूठ रहे है, संवर संवर ll
मुक्तक
मन जीवन अंदर अंदर l
सदा सत्य मंजर मंजर ll
बाहरी, मन और जीवन l
झूठ रहे, संवर संवर ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
चौपाई
मन ओ जीवन अंदर अंदर l
सदा सत्य का मंजर मंजर ll
मन ओ जीवन बाहर बाहर l
झूठ रहे है, संवर संवर ll
मुक्तक
मन जीवन अंदर अंदर l
सदा सत्य मंजर मंजर ll
बाहरी, मन और जीवन l
झूठ रहे, संवर संवर ll
अरविन्द व्यास “प्यास”