चौपाई छंद गीत
विधा : छंदगीत
आधार छंद : चौपाई
सृजन शीर्षक : जो प्रवेश अंतर्मन करते
जगत भलाई में जो रहते ।
जो प्रवेश अंतर्मन करते ।
सीधी साधी वाणी उनकी।
जिनकी बातें सच्ची लगती ।।
सत की राहें जो हैं चलते ।
जो प्रवेश अंतर्मन करते ।।
प्रेम प्यार सब में वो बांटे ।
रास्तों के जो चुन लें कांटे ।।
कर्म उन्हीं के जाते फलते ।
जो प्रवेश अंतर्मन करते ।
आस्था से मैं पूजूँ उनको।
लोग मिले बस ऐसे मुझको।।
कभी नहीं जो जन को छलते ।
जो प्रवेश अंतर्मन करते ।।
निश्छल मन हैं होते जिनके ।
जीवन में पुष्पों से खिलते ।।
बुरे समय के साथी बनते ।
जो प्रवेश अंतर्मन करते ।।
सीमा शर्मा ‘अंशु’