चौथ का चांद
चौथ का चांद
शशि की 16 कलाओं में,
दो बार चौथ आती है।
पहली शुक्ल पक्ष की और,
दूजी कृष्ण पक्ष की आती है।
सभी चौथ में गणपति पूजा,
कर्क में करवा चौथ आती है।
भाद्रपद की शुक्ल चौथ,
पत्थर चौथ कहलाती है।
जो इस चौथ का दर्शन करते,
कलंकित वहां हो जाते हैं।
इसी चांद के दर्शन से ही,
भगवान भी बच नहीं पाते हैं।
पत्थर चौथ के दर्शन से,
भगवान कृष्ण भी कलंकित हुए।
सम्यंतक मणि की चोरी से,
भगवान तक भी लांछित हुए।
इसी चौथ के दर्शन से मित्रों,
सदैव ही तुम बच के रहना।
आत्मसम्मान अति महान,
कलंक लगने से डरते रहना।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश