चोर ये चार चल दिए
छम छम पायल, खनखन कंगन, चम चम झुमके -हार चल दिए।
अरमानों की डोली लेकर जाने किधर कहार चल दिए ।
ओंठ रसीले , नयन नशीले, प्यार तुम्हारा , तुम खुद भी
उधर चल पड़ी सारी पूंजी जिधर चोर ये चार चल दिए।।
संजय नारायण
छम छम पायल, खनखन कंगन, चम चम झुमके -हार चल दिए।
अरमानों की डोली लेकर जाने किधर कहार चल दिए ।
ओंठ रसीले , नयन नशीले, प्यार तुम्हारा , तुम खुद भी
उधर चल पड़ी सारी पूंजी जिधर चोर ये चार चल दिए।।
संजय नारायण