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25 Sep 2024 · 1 min read

चोरी जिसका काव्य हो ,

चोरी जिसका काव्य हो ,
जागें उसके भाग ।
उस कवि को फिर मिले,
सबका ही अनुराग ।।
सुशील सरना / 25-9-24

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