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20 Dec 2023 · 1 min read

चोट सीने पे आज खाई है

मेरे जख्मों की तू दवाई है
चोट सीने पे आज खाई है

जिंदगी के हसीन मेले में
हम भी फंसते गए झमेले में
बात अब ये समझ में आई है
मेरे जख्मो की तू दवाई है

मेरे जीवन की ये कहानी है
मेरी अब भी कई, दिवानी है .
“मो-अत” आई नहीं बुलाई है
मेरे जख्मों” की तू दवाई है

देखता हूं तुम्हें जमाने से
वक्त मिलता नही कमाने से
आंख मिलती नही,मिलाई है
मेरे जख्मों की तू दवाई है
रमेश शर्मा.

Language: Hindi
1 Like · 196 Views

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