चोट दिल पे लगी मुस्कुराते रहे।
******** #सादर_समीक्षार्थ*******
चोट दिल पे लगी मुस्कुराते रहे।
बस खुशी ही खुशी हम दिखाते रहे।
जख्म दिल पे लगा क्यों दिखायें भला-
बस यही सोचकर ग़म छुपाते रहे।
लोग मय्यत मे आये थे मेरी मग़र-
जश्न शादी का सबको बताते रहे।
लाख शिक़वा शिकायत थी उनसे मेरी-
दर्द दि ल का हम अपना दबाते रहे।
प्यार सच्चा ‘सचिन’ उम्र भर का रहा-
वो न समझे मुझे दिल दुखाते रहे।
#स्वरचित
✍️पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’