चोट खा बैठे किटाणु से
***** चोट खा बैठे किटाणु से *****
*****************************
जगत तो सारा डरता रहा परमाणु से
चुपके चुपके चोट खा बैठे किटाणु से
विकसित देशों ने परमाणु बम बनवाए
शक्ति प्रदर्शन के भी परचम लहराए
सर्वस्व धूमिल हुआ वैश्विक विषाणु से
चुपके चुपके चोट खा बैठे किटाणु से
करते रहे परस्पर आक्रमण तैयारी
खामोशी से छाई संक्रमित महामारी
विश्व पताका गिरी कोरोना किटाणु से
चुपके चुपके चोट खा बैठे किटाणु से
रॉकडाउन में झूमते थे शैतानी में
लॉकडाउन मे घिरे अब परेशानी में
घर में ही सभी शेर हो गए किटाणु से
चुपके चुपके चोट खा बैठे किटाणु से
सड़क,रेल,वायु मार्ग सभी हैं बंद पड़े
सिनेमा,माल,कारखानों में ताले जड़ें
अर्थव्यवस्था रुक गई सांसे किटाणु से
चुपके चुपके चोट खा बैठे किटाणु से
एक चोट से ठहरी दुनिया ठिकाने पर
परस्पर पर दोष मंढते रख निशाने पर
लाखों लाशें हुई जिंदगियाँ किटाणु से
चुपके चुपके चोट खा बैठे किटाणु से
सुखविन्द्र महामारी होगी रफूचक्कर
कब तक कोरोना से ले सकेंगे टक्कर
न जाने कब मिलेगी मुक्ति किटाणु से
चुपके चुपके चोट खा बैठै किटाणु से
जगत तो सारा डरता रहा परमाणु से
चुपके चुपके चोट खा बैठे किटाणु से
*****************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)