Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
RAMESH SHARMA
103 Followers
Follow
Report this post
24 Aug 2024 · 1 min read
चोखा आप बघार
चाहे जितना दीजिए,.चोखा आप बघार ।
बने न सब्जी स्वार्थ की,कभी जायकेदार ।।
रमेश शर्मा.
Language:
Hindi
Tag:
दोहा
Like
Share
1 Like
· 49 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
You may also like these posts
जैसे पतझड़ आते ही कोयले पेड़ की डालियों को छोड़कर चली जाती ह
Rj Anand Prajapati
अ
*प्रणय*
"तू जो होती"
Ajit Kumar "Karn"
शीत
Mahesh Tiwari 'Ayan'
*अच्छा नहीं लगता*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*विषमता*
Pallavi Mishra
अलख क्रांति
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
पत्थर भी रोता है
Kirtika Namdev
*साड़ी का पल्लू धरे, चली लजाती सास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
निकला वीर पहाड़ चीर💐
तारकेश्वर प्रसाद तरुण
सीरत
Nitin Kulkarni
उम्मीद की आँखों से अगर देख रहे हो,
Shweta Soni
दोहा पंचक. . . सागर
sushil sarna
साँसें थम सी जाती है
Chitra Bisht
दो जीवन
Rituraj shivem verma
ख़ूबसूरती का असली सौंदर्य व्यक्ति की आत्मा के साथ होता है, न
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मेरा दिल
SHAMA PARVEEN
पहले वो दीवार पर नक़्शा लगाए - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
एक लड़ाई जो आप जीतते हैं
पूर्वार्थ
कोई आज भी इस द्वार का, सांकल बजाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बाढ़ की आपदा
अवध किशोर 'अवधू'
तारीफों में इतने मगरूर हो गए थे
डॉ. दीपक बवेजा
राजनीति पर दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
23/91.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सेब की महिमा (बाल कविता)
Mangu singh
छंद
दीपक झा रुद्रा
*हम चले तुम हमे अंतिम विदाई देना*
Er.Navaneet R Shandily
नारी
Arvina
23)”बसंत पंचमी दिवस”
Sapna Arora
सुप्रभात
Sonam Puneet Dubey
Loading...