चोंच से सहला रहे हैं जो परों को
चोंच से सहला रहे हैं जो परों को
वो परिन्दे छोड़ जाएंगे घरों को
दूर जाकर ये न जाने क्या करेंगे
कौन देगा बादशाहत नौकरों को
चोंच से सहला रहे हैं जो परों को
वो परिन्दे छोड़ जाएंगे घरों को
दूर जाकर ये न जाने क्या करेंगे
कौन देगा बादशाहत नौकरों को