चैन से जी पाते नहीं,ख्वाबों को ढोते-ढोते
चैन से जी पाते नहीं,ख्वाबों को ढोते-ढोते
है चाँद दिल में उतरा,पर चाँदनी नहीं है
जानते हम जो ऐसा, ना आशियाँ बनाते
अब चैन कैसे पायें, दिल जानता नहीं है
चैन से जी पाते नहीं,ख्वाबों को ढोते-ढोते
है चाँद दिल में उतरा,पर चाँदनी नहीं है
जानते हम जो ऐसा, ना आशियाँ बनाते
अब चैन कैसे पायें, दिल जानता नहीं है