चैन मेरे दिल का चुराकर चले गए …
?
चैन मेरे दिल का,
चुरा कर चले गये,
आंखों में सपना प्रेम का,
सजाकर चले गये,
अब दिल-ए-अंजाम को,
हम बयां करें भी, तो कैसे ?
आप तो हमें भी अपना,
बनाकर चले गये।
***************
?
अपना बनाया है,
तो बनाये ही रखना,
दिल में बसाया है तो,
बसाये ही रखना,
वक़्त चाहे कैसा भी,
आये या जाये,
कभी हमको खुद से,
जुदा मत समझना।
****************
?
देखा करते हैं जब जब,
हम आईना-ए-दिल अपना,
अक्श आपका ही तब तब
ऑखों में उतरता है
बेताबी बढ़ जाती है
धड़कन की इस क़दर
कि दिल पागल रहरहकर,
आपसे मिलने को करता है ।
✍ – सुनील सुमन