चैन भी उनके बिना आता कहाँ।
(3 ) ग़ज़ल
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चैन भी उनके बिना आता कहाँ ।
धड़कनों को याद से रोका कहॉं।।
तुझसे उल्फत की लगन जब से जुड़ी।
दरमियां दूरी सनम भाता कहाँ ।।
मन हुआ बेचैन हम कैसे रहे ।
अब गुज़ारा तुझ बिना होता कहाँ।।
बारिशों में खेलते थे नाव से ।
बचपना वो दिल कभी भूला कहाँ ।।
आजमाइश ना करो हमदम मेरे ।
प्यार की रस्में ये दिल समझा कहाँ ।।
झूठ की महफ़िल सजी है देख लो ।
साथ सच के ये जहां देता कहॉं ।।
हौसला परवाज़ का तुम भर चलो ।
सोचने से “ज्योटी” जग पाता कहाँ ।।
ज्योटी श्रीवास्तव (jyoti Arun Shrivastava)
अहसास ज्योटी 💞✍️