चैन ओ अमन का ये मेरा वतन है, इसे आबाद रहने दो,
चैन ओ अमन का ये मेरा वतन है, इसे आबाद रहने दो,
लाल हरे में मत बांटो, इसे शान – ए – जहान रहने दो,
कई लोग पहचान बताते है अपनी राज्यों से,
राज्यों में बट जाओ तुम,मुझे हिंदुस्तानी रहने दो,
तुम्हें दूसरे देश अच्छे लगते है,लगते होंगे,
मुझे अपनी मिट्टी पर अभिमान है,अभिमान रहने दो,
भिड़े गर हमसे तो बचोगे नहीं तुम अब,
हम शांत है तो, हमें शांत ही रहने दो,
बिकते होंगे लोग चंद रुपयों के खातिर,
हम स्वाभिमान से भरे हैं, हमें स्वाभिमानी ही रहने दो।