चैत्र माह नववर्ष
चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा, सब के लिए विशेष।
सूर्य-चंद्र आधार पर, नया वर्ष इस देश।।१
प्रकृति में चारों तरफ, छाया शुभ संदेश।
नव संवत्सर आ गया, धर खुशियों का वेश।।२
चैत्र महीना अति सुखद, नवल वर्ष शुरूआत।
पुष्प खिले हैं बाग में, वृक्षों में नवपात।।३
साखों पर सजने लगे, नव दल का श्रृंगार।
नवल वर्ष का कर रहा, मौसम भी सत्कार।।४
पुष्प सभी खिलने लगे, छाई नवल बहार।
महक उठा मकरंद से, प्रकृति का व्यवहार।। ५
नए सत्र, तिथियाँ नवल, प्रकृति में नवप्राण।
ब्रह्मा जी ने चैत्र में , किया सृष्टि निर्माण।।६
चैत्र माह नववर्ष को, आता हैं नवरात्र।
भक्ति-शक्ति की भावना, छल-कपक नहीं मात्र।।७
नव दुर्गा का आगमन, सजता है नववर्ष।
जन्मदिवस श्री राम का, मंगलमय नवहर्ष।।८
चैत्र शुक्ल पावन दिवस, जन्में प्रभु हनुमान।
भक्ति भाव से जुड़ गये, भक्त संग भगवान।।९
चैत्र माह नववर्ष में, हिन्दू का त्यौहार।
सर्वश्रेष्ठ पावन दिवस, गणना के आधार।।१०
पुलकित हो निर्मल सभी, नवल राह की आस।
भरते नूतन राग से, जग में नव उल्लास।।११
हिंदू मासों में रहा, चैत्र माह का मान।
इसका भारत भूमि पर, रहा अमिट पहचान।।१२
गड़ी पर्व नव वर्ष का, मंगलमय सुखधाम।
सिद्ध सभी शुभ कर्म हो, भरे खुशी से ग्राम।।१३
तोरण रंगोली सजे, द्वारे बंदनवार।
खुशियों की बेला मधुर, नवल वर्ष त्यौहार।।१४
हे चैत्री नववर्ष के, सुखकर नवल प्रभात।
जीवन में खुशियाँ भरो, दो अच्छी सौगात।। १५
मंगलमय शुभकामना, संवत्सर नववर्ष।
मिले कृपा गणगौर की, हो जीवन में हर्ष।।१६
चैत्र माह प्रकृति नटी, जन-जन का सुखधाम।
हिन्दी नूतन वर्ष को , बारंबार प्रणाम।। १७
लक्ष्मी सिंह