Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2024 · 1 min read

चेहरे पे चेहरा (ग़ज़ल – विनीत सिंह शायर)

आँखों पे अपनी ज़ुल्फ का पहरा लगाए हैं
इस दिल पे मेरे घाव जो गहरा लगाए हैं

ग़म भरी आँखों पे उनकी हँसी है क़ायम
जैसे चेहरे पे एक और चेहरा लगाए हैं

आएँ तो बज़्म में वो पर साथ भाइयों के
जैसे कली के ऊपर भँवरा लगाए हैं

महफ़िल महक उठी है कमाल उसिका है
बालों में जो अपनी वो गजरा लगाए हैं

दुल्हन की रज़ा भी तो पूछ ले जाकर वो
पेशानी पे अपनी जो सेहरा लगाए हैं

~विनीत सिंह

Vinit Singh Shayar

Language: Hindi
95 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चार दिन की जिंदगी
चार दिन की जिंदगी
Karuna Goswami
हमें बुद्धिमान के जगह प्रेमी होना चाहिए, प्रेमी होना हमारे अ
हमें बुद्धिमान के जगह प्रेमी होना चाहिए, प्रेमी होना हमारे अ
Ravikesh Jha
..
..
*प्रणय*
चुनाव
चुनाव
Lakhan Yadav
निराकार परब्रह्म
निराकार परब्रह्म
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
मजदूर दिवस पर विशेष
मजदूर दिवस पर विशेष
Harminder Kaur
नारी और चुप्पी
नारी और चुप्पी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
न्याय यात्रा
न्याय यात्रा
Bodhisatva kastooriya
उम्र बीत गई
उम्र बीत गई
Chitra Bisht
"लाजिमी"
Dr. Kishan tandon kranti
.
.
Ragini Kumari
खिड़की के बाहर दिखती पहाड़ी
खिड़की के बाहर दिखती पहाड़ी
Awadhesh Singh
स्पर्श
स्पर्श
Satish Srijan
संघ के संगठन के सम्बन्ध में मेरे कुछ विचार 🙏संगठन में नियम न
संघ के संगठन के सम्बन्ध में मेरे कुछ विचार 🙏संगठन में नियम न
ललकार भारद्वाज
संसार मे तीन ही चीज़ सत्य है पहला जन्म दूसरा कर्म और अंतिम म
संसार मे तीन ही चीज़ सत्य है पहला जन्म दूसरा कर्म और अंतिम म
रुपेश कुमार
है हार तुम्ही से जीत मेरी,
है हार तुम्ही से जीत मेरी,
कृष्णकांत गुर्जर
गुरु को नमन
गुरु को नमन
पूर्वार्थ
*जीवित हैं तो लाभ यही है, प्रभु के गुण हम गाऍंगे (हिंदी गजल)
*जीवित हैं तो लाभ यही है, प्रभु के गुण हम गाऍंगे (हिंदी गजल)
Ravi Prakash
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
"" *सौगात* ""
सुनीलानंद महंत
तुम्हारे इश्क़ की तड़प जब से लगी है,
तुम्हारे इश्क़ की तड़प जब से लगी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गीतिका छंद
गीतिका छंद
Seema Garg
फितरत
फितरत
Akshay patel
4605.*पूर्णिका*
4605.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नाम बहुत हैं फ़ेहरिस्त में नाम बदल सकता हूँ मैं,
नाम बहुत हैं फ़ेहरिस्त में नाम बदल सकता हूँ मैं,
दीपक श्रीवास्तव
धनवान -: माँ और मिट्टी
धनवान -: माँ और मिट्टी
Surya Barman
ग़ज़ल _ मैं रब की पनाहों में ।
ग़ज़ल _ मैं रब की पनाहों में ।
Neelofar Khan
" अब कोई नया काम कर लें "
DrLakshman Jha Parimal
Friendship Day
Friendship Day
Tushar Jagawat
पिता
पिता
Mamta Rani
Loading...