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30 Dec 2020 · 1 min read

चेहरा सहमा सा लगता है

चेहरा सहमा सा लगता है
********************
प्रारूप आज संबंधों का
बदला-बदला सा लगता है
अब राह बदलकर चलते हैं
चेहरा सहमा सा लगता है..।।

अब सहज नहीं मिलना जुलना
दिनचर्या सबकी बदल गई
हालातों से बेबस होकर
हर पल अब डर सा लगता है..।।

मिलना-जुलना अब सहज नहीं
दूरी रिश्तों पर हावी है
हम मधुर मिलन को तरस रहे
हर प्रेम अधूरा सा लगता है..।।

जीवनयापन की चिंता ने
छीनीं सबकी मुस्कानें हैं
अब चेहरे पर बसती चिंता
चेहरा मुरझाया सा लगता है..।।

खुशियों को किसकी नज़र लगी
भयभीत आज हर खुशी लगे
सब पहले जैसा हो जाए
जीवन फीका सा लगता है..।।
जीवन फीका सा लगता है..।।

विजय कनौजिया
******©®******
ग्राम व पत्रालय-काही
जनपद-अम्बेडकर नगर (उ0 प्र0)
मो0-9818884701
Email- vijayprakash.vidik@gmail.com

8 Likes · 21 Comments · 392 Views
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