*चेहरा बोल देता है (तीन शेर)*
चेहरा बोल देता है (तीन शेर)
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कभी ऐसा भी होता है, जुबां खामोश रहती है
जो मन में आ रहा होता है, चेहरा बोल देता है
तराशे एक हीरे की तरह से वो चमकते हैं
नसीबों से मिली जिनको पिता-माता की फटकारें
गरीबी तो हमेशा से रही अभिशाप है, लेकिन
अमीरी से भी घर हमने कई बर्बाद देखे हैं