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12 Dec 2018 · 1 min read

चेहरा छुपाया ले के सहारा नकाब का

चेहरा छुपाया ले के सहारा नकाब का
आँखों से राज खुल गया लेकिन जनाब का

नज़रों से जाम पी लिया अब होश ही नहीं
जो इश्क में नशा है न वो है शराब का

उगता है डूबने के लिये इस जहान में
देखा सफर है हमने यही आफताब का

इजहार अपने प्यार का हमने तो कर दिया
अब दिल को इंतज़ार है उनके जवाब का

जो चाँदनी बिखेर दे दिल में सभी जगह
दीदार होगा कब हमें उस माहताब का

चुभते है पर न ‘अर्चना’ ये साथ छोड़ते
लगता है कांटों में तभी तो दिल गुलाब का

12-12-2018
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

2 Likes · 1 Comment · 245 Views
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