चेहरा गुलाब सा
चेहर गुलाब सा
उसका आईना आफताब सा
उससे टपकता नूर एक चांद सा
उसका दिल एक कंवल सा
उसकी रूह एक घर महताब का
ओस की बूंदों को
छू लें जैसे
पानी के बुलबुले और
उसी में जज्ब होकर
उसी के होकर रह जायें
होंठ उसके एक
गुलाबों का गुलाबी
गुलिस्तां
जो भी उन्हें चूमे
एक मयखाने के शबनमी
नशे में चूर चूर हो जाये
हुस्न की वह एक खिलती कली
यौवन की उस पर बहार
जन्नत की वह कोई हूर
जो भी उसे देखे
उस पर फिदा
उस पर निसार हो जाये।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001