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15 Sep 2021 · 1 min read

चूहा दौड़

घर के अंदर तेज दौड़ लगाता,
कुतर कुतर कर अन्न है खाता,

जूठन भी इधर-उधर फैलाता,
उछल कूद कर कर्तव्य है दिखाता,

बिल बनाकर उसमें छुप जाता,
नन्हा सा प्राणी उत्पात है मचाता,

गणपति का वाहक कहलाता ,
मेवा लड्डू का भोग है लगाता ,

चूहा दौड़ संसार में कहलाता ,
पूँछ और मूँछ से शान है दिखाता ।

रचनाकार ✍🏼✍🏼
##बुद्ध प्रकाश
मौदहा हमीरपुर

5 Likes · 893 Views
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