चुभे खार सोना गँवारा किया
चुभे खार सोना गँवारा किया
हुआ कष्ट लेकिन ग़ुज़ारा किया
रहे भूख से बिलबिलाते मगर
न शिकवा किसीसे ख़ुदारा किया
हमीं काम आये थे जिनके कभी
उन्होंने ही पहले किनारा किया
सहारा दिया था जिन्हें कल तलक
उन्होंने ही क्यों बेसहारा किया
तिरे दर पे पहले भी ठोकर लगी
कि रुस्वा तुम्हीं ने दुबारा किया
—महावीर उत्तरांचली