“चुभती सत्ता “
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डॉ लक्ष्मण झा परिमल
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जूते अब
चुभने लगे हैं
जगह -जगह पैरों में
छाले उभर
गए हैं
चलना अब दूभर
हो गया है
सारा बोझ पैरों पर
ही पड़ने लगा है
अब रास्ता परिवर्तन
का आ गया
विकल्प नज़रों के सामने
आ गया
चमकते जूते को
भला रखकर हमें क्या करना
हमें भला इसके
आकृतियों में क्यों उलझना
अपने भविष्य को
हम खुद सुधरेंगे
इस चमकते जूते को
उतार कर दूर फैकेंगे !!
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डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
साउन्ड हेल्थ क्लिनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
16.05.2024