चुप
१.
तुमने आज वो दिया जिसकी हमें बेहद जरूरत थी
अपने बिकारों को चीख में पिरोने की बहसत थी !
…सिद्धार्थ
२.
मुझमें भी बसता है एक चुप
पैर मोरे बैठा है अंदर मेरे घुप !
…सिद्धार्थ
१.
तुमने आज वो दिया जिसकी हमें बेहद जरूरत थी
अपने बिकारों को चीख में पिरोने की बहसत थी !
…सिद्धार्थ
२.
मुझमें भी बसता है एक चुप
पैर मोरे बैठा है अंदर मेरे घुप !
…सिद्धार्थ