Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Dec 2019 · 1 min read

चुप मत रहो !

चुप मत रहो !
————
अहंकारी को हंसता देखकर
विनम्र को सिसकता देखकर
चुप मत रहो !

गुनहगार को मस्त देखकर
बेगुनाह को पस्त देखकर
चुप मत रहो !

अभिमानी को उड़ता देखकर
स्वाभिमानी को गिरता देखकर
चुप मत रहो !

दबंग का सत्तासुख देखकर
निर्बल का फैला हाथ देखकर
चुप मत रहो !

धनी की मुटठी में आसमान देखकर
निर्धन को अन्न को तरसता देखकर
चुप मत रहो !

न्याय को झूठ संग खड़ा देखकर
अन्याय की सच पर मार देखकर
चुप मत रहो !

बेईमान को फलता देखकर
ईमानदार को मरता देखकर
चुप मत रहो !

असत्य की जय-जयकार देखकर
सत्य को रोता ज़ार-ज़ार देखकर
चुप मत रहो !

क्योंकि ये चुप्पी आत्मघाती है !

@Sugyata

Language: Hindi
2 Comments · 471 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ये सर्द रात
ये सर्द रात
Surinder blackpen
फागुनी है हवा
फागुनी है हवा
surenderpal vaidya
आज़ादी की जंग में कूदी नारीशक्ति
आज़ादी की जंग में कूदी नारीशक्ति
कवि रमेशराज
हमको मिलते जवाब
हमको मिलते जवाब
Dr fauzia Naseem shad
"ताले चाबी सा रखो,
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
*
*"परछाई"*
Shashi kala vyas
संगीत
संगीत
Vedha Singh
मुस्कुराना चाहता हूं।
मुस्कुराना चाहता हूं।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
"जिन्दगी के सफर में"
Dr. Kishan tandon kranti
बैठ अटारी ताकता, दूरी नभ की फाँद।
बैठ अटारी ताकता, दूरी नभ की फाँद।
डॉ.सीमा अग्रवाल
!! ये सच है कि !!
!! ये सच है कि !!
Chunnu Lal Gupta
मेरा होकर मिलो
मेरा होकर मिलो
Mahetaru madhukar
दोस्ती तेरी मेरी
दोस्ती तेरी मेरी
Surya Barman
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कौन है वो .....
कौन है वो .....
sushil sarna
23/20.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/20.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वह एक वस्तु,
वह एक वस्तु,
Shweta Soni
जिंदगी एक किराये का घर है।
जिंदगी एक किराये का घर है।
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
Little Things
Little Things
Dhriti Mishra
हिम्मत और महब्बत एक दूसरे की ताक़त है
हिम्मत और महब्बत एक दूसरे की ताक़त है
SADEEM NAAZMOIN
बालि हनुमान मलयुद्ध
बालि हनुमान मलयुद्ध
Anil chobisa
पुरानी यादें ताज़ा कर रही है।
पुरानी यादें ताज़ा कर रही है।
Manoj Mahato
💐प्रेम कौतुक-412💐
💐प्रेम कौतुक-412💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
स्वयं में एक संस्था थे श्री ओमकार शरण ओम
स्वयं में एक संस्था थे श्री ओमकार शरण ओम
Ravi Prakash
रिश्ते-नाते
रिश्ते-नाते
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
कवि की लेखनी
कवि की लेखनी
Shyam Sundar Subramanian
शीर्षक - खामोशी
शीर्षक - खामोशी
Neeraj Agarwal
मोहब्बत तो आज भी
मोहब्बत तो आज भी
हिमांशु Kulshrestha
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
*फंदा-बूँद शब्द है, अर्थ है सागर*
*फंदा-बूँद शब्द है, अर्थ है सागर*
Poonam Matia
Loading...