Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jul 2021 · 1 min read

चुपके से

वो महफ़िल में आये तो
मगर चुपके से
तिरछी निगाह से देखा तो
मगर चुपके से
नज़रें मिली और बात हुई
मगर चुपके से
होठों पे मुस्कान तो आई
मगर चुपके से

मिलने का इशारा कर गए
मगर चुपके से
इशारा करके खिसक गए
मगर चुपके से
हम भी महफ़िल से निकले
मगर चुपके से
दोनों की फिर मुलाकात हुई
मगर चुपके से

वीर कुमार जैन
30 जुलाई 2021

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 193 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
कवि दीपक बवेजा
*बदलता_है_समय_एहसास_और_नजरिया*
*बदलता_है_समय_एहसास_और_नजरिया*
sudhir kumar
उड़ान
उड़ान
Saraswati Bajpai
हमको बच्चा रहने दो।
हमको बच्चा रहने दो।
Manju Singh
रंग बिरंगी दुनिया में हम सभी जीते हैं।
रंग बिरंगी दुनिया में हम सभी जीते हैं।
Neeraj Agarwal
दूरियां ये जन्मों की, क्षण में पलकें मिटातीं है।
दूरियां ये जन्मों की, क्षण में पलकें मिटातीं है।
Manisha Manjari
भ्रातृ चालीसा....रक्षा बंधन के पावन पर्व पर
भ्रातृ चालीसा....रक्षा बंधन के पावन पर्व पर
डॉ.सीमा अग्रवाल
खोल नैन द्वार माँ।
खोल नैन द्वार माँ।
लक्ष्मी सिंह
सौ बार मरता है
सौ बार मरता है
sushil sarna
हुई स्वतंत्र सोने की चिड़िया चहकी डाली -डाली।
हुई स्वतंत्र सोने की चिड़िया चहकी डाली -डाली।
Neelam Sharma
रहने भी दो यह हमसे मोहब्बत
रहने भी दो यह हमसे मोहब्बत
gurudeenverma198
3359.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3359.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
नशा
नशा
Mamta Rani
चित्रकार उठी चिंकारा बनी किस के मन की आवाज बनी
चित्रकार उठी चिंकारा बनी किस के मन की आवाज बनी
प्रेमदास वसु सुरेखा
नजरिया
नजरिया
नेताम आर सी
आए हैं फिर चुनाव कहो राम राम जी।
आए हैं फिर चुनाव कहो राम राम जी।
सत्य कुमार प्रेमी
चुनावी मौसम
चुनावी मौसम
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
राखी का कर्ज
राखी का कर्ज
Mukesh Kumar Sonkar
फिर जिंदगी ने दम तोड़ा है
फिर जिंदगी ने दम तोड़ा है
Smriti Singh
नसीबों का मुकद्दर पर अब कोई राज़ तो होगा ।
नसीबों का मुकद्दर पर अब कोई राज़ तो होगा ।
Phool gufran
#मुक्तक
#मुक्तक
*प्रणय प्रभात*
*Khus khvab hai ye jindagi khus gam ki dava hai ye jindagi h
*Khus khvab hai ye jindagi khus gam ki dava hai ye jindagi h
Vicky Purohit
सपना है आँखों में मगर नीद कही और है
सपना है आँखों में मगर नीद कही और है
Rituraj shivem verma
अपने ही घर से बेघर हो रहे है।
अपने ही घर से बेघर हो रहे है।
Taj Mohammad
गर्मी की छुट्टियां
गर्मी की छुट्टियां
Manu Vashistha
परमात्मा
परमात्मा
ओंकार मिश्र
कविता
कविता
Rambali Mishra
"पसीने से"
Dr. Kishan tandon kranti
*अगवा कर लिया है सूरज को बादलों ने...,*
*अगवा कर लिया है सूरज को बादलों ने...,*
AVINASH (Avi...) MEHRA
दोस्ती गहरी रही
दोस्ती गहरी रही
Rashmi Sanjay
Loading...