*चुन मुन पर अत्याचार*
【¡】*चुन मुन पर अत्याचार*
क्यों खाली है मौदान ?
क्यों नहीं उड़ती पंतग ?
क्यों नहीं होती तारों की गीनती ?
क्यों नहीं मिलती इन चुनमुन की टोली ?
क्या बच्चे होते, ही है जवान ?
क्या पृथ्वी बदल गई है ?
क्या ? हो गया पूरे पृथ्वी समशान ,
क्या हुआ चुन मुन को ?
कही मन तो बदल, नहीं गई
या , होने लगा है अत्याचार
क्यों है नजवान बेरोजगार ,
क्या मिलने लगेंगे चुन मुन को रोजगार ।
क्यों हो रहा है चुन मुन पर अत्याचार ,
क्या भूल गई है सब सविधान
【¡¡】 खाली हो रहे है नन्हे साम्रट
हो रहा है , मेरे पर अत्याचार
बता नहीं सकते हम अपना समाचार ।
भुल गये हम घर-परिवार ,
मिटने लगा है लार-प्यार ।
ना रहा अब घर में क्यों सामान ,
मुझे करने पर रहें कमान ।