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29 Nov 2018 · 2 min read

चुनाव

चुनाव आ गया जी, चुनाव आ गया।
चुनाव आ गया जी, चुनाव आ गया।।
झूठे वादों का फिर से बहाव आ गया।
चुनाव आ गया जी, चुनाव आ गया।।

कल तक देखो कद्दावर जो, अपने मद में थे ऐंठे,
आज पकड़ जनता की चरणे, है भूमि पर वो बैठें।

वक्त में जाने कैसा ये ठहराव आ गया।
चुनाव आ गया जी, चुनाव आ गया।।
झूठे वादों का फिर से बहाव आ गया।
चुनाव आ गया जी, चुनाव आ गया।।

अब तक जो भूले बैठे थे, धर्म कर्म वो सुख दाता,
आज वही घूमे घर घर जोड़े, जात पात का नाता।

कैसा मौसम रिश्तों में फैलाव आ गया।
चुनाव आ गया जी, चुनाव आ गया।।
झूठे वादों का फिर से बहाव आ गया।
चुनाव आ गया जी, चुनाव आ गया।।

एक दूजे की हानि लाभ वो, गज़ब तराजू से तौले,
अब के बाद न वो जनता से, पांच बरस फिर बोले।

धुनों सर कितना भी सुझाव आ गया।
चुनाव आ गया जी, चुनाव आ गया।।
झूठे वादों का फिर से बहाव आ गया।
चुनाव आ गया जी, चुनाव आ गया।।

रेल पेल गठजोड़ की अब तो, सतरंजी चाले बूझेंगे,
एक घर के दो मत धारि भाई, आपस मे ही झुझेंगे।

इनके बंधन, मित्रो में खिंचाव आ गया।
चुनाव आ गया जी, चुनाव आ गया।।
झूठे वादों का फिर से बहाव आ गया।
चुनाव आ गया जी, चुनाव आ गया।।

मोह भंग जो हो गया इनका, गर मंत्री पद न पाये,
छोड़ के पहले दल को फिर तो, दूजे दल में समाये।

जनता मूरख अच्छा झुकाव आ गया।
चुनाव आ गया जी, चुनाव आ गया।।
झूठे वादों का फिर से बहाव आ गया।
चुनाव आ गया जी, चुनाव आ गया।।

हो जाओ चौकस इनके अब, बहकावे में न आना,
मतदान की कीमत पहचानो, ब्यर्थ न उसे गवाना।

खाने मलाई चिद्रूप, ऊदबिलाव आ गया।
चुनाव आ गया जी, चुनाव आ गया।।
झूठे वादों का फिर से बहाव आ गया।
चुनाव आ गया जी, चुनाव आ गया।।

©® पांडेय चिदानंद “चिद्रूप”
(सर्वाधिकार सुरक्षित २९/११/२०१८ )

Language: Hindi
Tag: गीत
3 Likes · 2 Comments · 379 Views
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