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9 Jan 2022 · 1 min read

चुनाव 2022

सुधि संवत पांच लिए न कभी, जब जीति चुनाव गए बबुआ।
फिर से जब आय चुनाव गयो , तब याद भए चचुआ बचुआ।
करजोड़ कहें इसबार चुनाव जिताय हमैं तुमदो ककुआ।
फिर देखउ काम हमार सभी, चमके हर गांव गली ददुआ।

अब घूमत गांव भिखारिन से, कह वोट चचा सब मांगतहैं।
करिहैं न विकास इहौ तनिकौ, सब झूठइ भाषण गावत हैं।
करिके चिकनी चुपड़ी बतियाँ, सबको यह मूर्ख बनावत हैं।
जनता कुछ तौ हुशियार बनौ, यह वत्सर जल्द न आवत हैं।

अभिनव मिश्र अदम्य

1 Like · 1 Comment · 486 Views
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