*चुनाव से पहले नेता जी बातों में तार गए*
चुनाव से पहले नेता जी बातों में तार गए
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चुनाव से पहले नेता जी बातों में तार गए,
नेता जी मंत्री बन कर वादों को इंकार गए।
पैदल पथ यात्रा कर लोगों के वो दर पहुंचे,
दर उनके जन पहुंचे वो घर ताला मार गए।
कसमे,वादें जो भी किये,वो सारे भूल गए,
वारे बहुत न्यारे लाल बत्ती की ले कार गए।
जाति धर्म का जहर मनों में घोलते रहते हैं,
मंहगी से मंहगी व्हिस्की को वो डकार गए।
जनता मूर्ख सदा से बनती आई मनसीरत,
राजनीति के चक्कर में बिखर परिवार गए।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)