Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Aug 2023 · 1 min read

*चुनाव से पहले नेता जी बातों में तार गए*

चुनाव से पहले नेता जी बातों में तार गए
*********************************

चुनाव से पहले नेता जी बातों में तार गए,
नेता जी मंत्री बन कर वादों को इंकार गए।

पैदल पथ यात्रा कर लोगों के वो दर पहुंचे,
दर उनके जन पहुंचे वो घर ताला मार गए।

कसमे,वादें जो भी किये,वो सारे भूल गए,
वारे बहुत न्यारे लाल बत्ती की ले कार गए।

जाति धर्म का जहर मनों में घोलते रहते हैं,
मंहगी से मंहगी व्हिस्की को वो डकार गए।

जनता मूर्ख सदा से बनती आई मनसीरत,
राजनीति के चक्कर में बिखर परिवार गए।
*********************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

288 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
3336.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3336.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
बहके जो कोई तो संभाल लेना
बहके जो कोई तो संभाल लेना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मुख पर जिसके खिला रहता शाम-ओ-सहर बस्सुम,
मुख पर जिसके खिला रहता शाम-ओ-सहर बस्सुम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिसनै खोया होगा
जिसनै खोया होगा
MSW Sunil SainiCENA
"बाजार "
Dr. Kishan tandon kranti
उदास रातें बुझे- बुझे दिन न खुशनुमा ज़िन्दगी रही है
उदास रातें बुझे- बुझे दिन न खुशनुमा ज़िन्दगी रही है
Dr Archana Gupta
छुप छुपकर मोहब्बत का इज़हार करते हैं,
छुप छुपकर मोहब्बत का इज़हार करते हैं,
Phool gufran
*आजादी की राखी*
*आजादी की राखी*
Shashi kala vyas
कोई यहां अब कुछ नहीं किसी को बताता है,
कोई यहां अब कुछ नहीं किसी को बताता है,
manjula chauhan
Insaan badal jata hai
Insaan badal jata hai
Aisha Mohan
खूब लगाओ डुबकियाँ,
खूब लगाओ डुबकियाँ,
sushil sarna
54….बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसम्मन मुज़ाफ़
54….बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसम्मन मुज़ाफ़
sushil yadav
"स्वतंत्रता के नाम पर कम कपड़ों में कैमरे में आ रही हैं ll
पूर्वार्थ
आप, मैं और एक कप चाय।
आप, मैं और एक कप चाय।
Urmil Suman(श्री)
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
इंतजार बाकी है
इंतजार बाकी है
शिवम राव मणि
नारी का सम्मान 🙏
नारी का सम्मान 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
चलो आज कुछ बात करते है
चलो आज कुछ बात करते है
Rituraj shivem verma
फ़ुरसत से निकालों वक्त, या अपना वक्त अपने पास रखो;
फ़ुरसत से निकालों वक्त, या अपना वक्त अपने पास रखो;
ओसमणी साहू 'ओश'
*प्यार का रिश्ता*
*प्यार का रिश्ता*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जाने जिंदगी में ऐसा क्यों होता है ,
जाने जिंदगी में ऐसा क्यों होता है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
विचार, संस्कार और रस-4
विचार, संस्कार और रस-4
कवि रमेशराज
हे राम तुम्हारा अभिनंदन।
हे राम तुम्हारा अभिनंदन।
सत्य कुमार प्रेमी
जिंदगी गुज़र जाती हैं
जिंदगी गुज़र जाती हैं
Neeraj Agarwal
सरस्वती वंदना-4
सरस्वती वंदना-4
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गुरू
गुरू
Shinde Poonam
हकीकत की जमीं पर हूँ
हकीकत की जमीं पर हूँ
VINOD CHAUHAN
ଅର୍ଦ୍ଧାଧିକ ଜୀବନର ଚିତ୍ର
ଅର୍ଦ୍ଧାଧିକ ଜୀବନର ଚିତ୍ର
Bidyadhar Mantry
Loading...