चुनाव तो नहीं आ गया?
बाढ़ में फसलें डूब गई? आपदा मे घर तबाह हो गया?
नेता जी को हम ग़रीबों की कोई फ़िक्र ना रहा?
मतदाता मालिक कहके आज पुकार रहे कैसे?
वोट चाहिए? कहीं फिर से चुनाव तो नहीं आ गया?
शायर- किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)