Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jun 2023 · 2 min read

चुनाव आ रहे हैं..?

गाँव में सड़क बन रही है,
पानी का नल भी लग रहा है
समाचार-अख़बार देखकर बताओ,
गाँव में हेलिकॉप्टर से चौकीदार आ रहा है ..?

गाँव के हर मोड़ पर,
फाइलें पकड़े अजनबी मिट्टी पर खड़ा है,
ये एस एस पी कलेक्टर साहब हैं,
आंखों पर देखो अब भी चश्मा लगा है ।

कोई माला पहना रहा है,
कोई चरणों में पगड़ी डाले पड़ा है,
कोई सड़क के गड्ढे भर रहा तो,
कोई आग लगाकर बाल्टी में पानी लेकर खड़ा है ।

गाँव-देहात मालिक हो रहे हैं,
शहर चुनावों में रंगत खो रहा है,
सितारे खेतों में कबड्डी खेल रहे हैं,
शायद परियों को दिल लुभाने का ठेका मिला है ।

योजनाओं पर योजनाएं खुल रही हैं,
जैसे योजनाओं का बंद बांध खुल गया है,
हाथों में फूल और केचियाँ ही केचियाँ है,
हर कोई लाल फीता काटने में व्यस्त हो रहा है ।

चाचा तुम भी आओ दादा तुम भी आओ,
तुम हमारी माता हो हमारी बहनों को साथ ले आओ,
मुंह से जैसे हर किसी के गुलाब जामुन फूट रहा है,
चुनावी राम राज्य में बलात्कारी भी शिष्टाचारी हो रहा है ।

बंद पड़ी फैक्टरीयों का ताला टूटा गया है,
मैनेजर युवाओं को काम पर बुलाने आ रहा है,
लोकतंत्र के चुनाव आ रहे हैं,
तिरंगे झंडे और बैनर बनाने का ऑर्डर मिल रहा है ।

चारो तरफ खुशियां ही खुशियां है,
चुनावी राम राज्य आ गया है,
देशभक्ति से लबालब गाँव की पगडंडियाँ हैं,
राष्टगान हर मुजरिम की आखों में शर्म से पानी ला रहा है ।

कलक्टर-एसपी भी आये है,
हाथ में लाल पेन और बंद फाइलें लाये है,
गाँव में होकर विकास की धारा बहाने,
सचिव के साथ सामंत एवं राजा साहब भी आये है ।

कोई कुँए से पानी खींच रहा है,
कोई हँसिया पकड़े खेत में खड़ा है,
चुनावी महाभारत काल में,
हर कोई द्रोण बनकर अंगूठा लूटने द्वार पर खड़ा है ।

मांस-मिठाई, कपड़े-शराब,
झोपड़ियों में बांटे जा रहे हैं,
घीसू जाटव के घर दाल भात खाने,
मंदिर संसद से ब्राह्मण देवता आ रहे हैं ।

किसान मजदूर माई-बाप हो गए हैं,
आतंकी-नक्सली भटके नौजवान,
अखबारों में नई उम्मीदें छप रही है,
आम आदमी को लूटने फिर से चुनाव आ गए हैं ।

प्रशांत सोलंकी
नई दिल्ली-07

261 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
View all
You may also like:
प्रकृति कि  प्रक्रिया
प्रकृति कि प्रक्रिया
Rituraj shivem verma
रूह का रिश्ता
रूह का रिश्ता
Seema gupta,Alwar
18)”योद्धा”
18)”योद्धा”
Sapna Arora
..
..
*प्रणय*
Try to find .....
Try to find .....
पूर्वार्थ
सौगात   ...
सौगात ...
sushil sarna
मन को भिगो दे
मन को भिगो दे
हिमांशु Kulshrestha
04/05/2024
04/05/2024
Satyaveer vaishnav
फिर  किसे  के  हिज्र  में खुदकुशी कर ले ।
फिर किसे के हिज्र में खुदकुशी कर ले ।
himanshu mittra
3489.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3489.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
मुदा एहि
मुदा एहि "डिजिटल मित्रक सैन्य संगठन" मे दीप ल क' ताकब तथापि
DrLakshman Jha Parimal
"एक पैगाम पिता के नाम"
Pushpraj Anant
शब्द सुनता हूं मगर मन को कोई भाता नहीं है।
शब्द सुनता हूं मगर मन को कोई भाता नहीं है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
!! हे लोकतंत्र !!
!! हे लोकतंत्र !!
Akash Yadav
*** तोड़ दिया घरोंदा तूने ,तुझे क्या मिला ***
*** तोड़ दिया घरोंदा तूने ,तुझे क्या मिला ***
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
दिखाने लगे
दिखाने लगे
surenderpal vaidya
*बगिया जोखीराम का प्राचीन शिवालय*
*बगिया जोखीराम का प्राचीन शिवालय*
Ravi Prakash
जिंदगी हमेशा एक सी नहीं होती......
जिंदगी हमेशा एक सी नहीं होती......
shabina. Naaz
आइना फिर से जोड़ दोगे क्या..?
आइना फिर से जोड़ दोगे क्या..?
पंकज परिंदा
नजरों से गिर जाते है,
नजरों से गिर जाते है,
Yogendra Chaturwedi
मुझे तुमसे अनुराग कितना है?
मुझे तुमसे अनुराग कितना है?
Bodhisatva kastooriya
ସାର୍ଥକ ଜୀବନ ସୁତ୍ର
ସାର୍ଥକ ଜୀବନ ସୁତ୍ର
Bidyadhar Mantry
न अच्छे बनो न बुरे बनो
न अच्छे बनो न बुरे बनो
Sonam Puneet Dubey
मित्रता स्वार्थ नहीं बल्कि एक विश्वास है। जहाँ सुख में हंसी-
मित्रता स्वार्थ नहीं बल्कि एक विश्वास है। जहाँ सुख में हंसी-
Dr Tabassum Jahan
श्यामपट
श्यामपट
Dr. Kishan tandon kranti
संवेदना सुप्त हैं
संवेदना सुप्त हैं
Namrata Sona
बेटी की शादी
बेटी की शादी
विजय कुमार अग्रवाल
मिट्टी के दीए
मिट्टी के दीए
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
मन की गांठ
मन की गांठ
Sangeeta Beniwal
शिवनाथ में सावन
शिवनाथ में सावन
Santosh kumar Miri
Loading...