Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2021 · 1 min read

चुनावी वादा

हमारा इश्क़ एक पक्का इरादा था
तुम्हारी मोहब्बत चुनावी वादा था।

मुझ मामूली से वो कैसे इश्क़ करती
उसकी नज़र में कोई शहज़ादा था।

-जॉनी अहमद ‘क़ैस’

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 2 Comments · 319 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
!! एक चिरईया‌ !!
!! एक चिरईया‌ !!
Chunnu Lal Gupta
शबनम छोड़ जाए हर रात मुझे मदहोश करने के बाद,
शबनम छोड़ जाए हर रात मुझे मदहोश करने के बाद,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गंधारी
गंधारी
Shashi Mahajan
एक कमबख्त यादें हैं तेरी !
एक कमबख्त यादें हैं तेरी !
The_dk_poetry
फितरत
फितरत
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
खींचातानी  कर   रहे, सारे  नेता लोग
खींचातानी कर रहे, सारे नेता लोग
Dr Archana Gupta
जिम्मेदारी कौन तय करेगा
जिम्मेदारी कौन तय करेगा
Mahender Singh
🙅क्लीन होगा
🙅क्लीन होगा "नीट"🙅
*प्रणय प्रभात*
2526.पूर्णिका
2526.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"आँगन की तुलसी"
Ekta chitrangini
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
आज की नारी
आज की नारी
Shriyansh Gupta
जब तक बांकी मेरे हृदय की एक भी सांस है।
जब तक बांकी मेरे हृदय की एक भी सांस है।
Rj Anand Prajapati
कर्म प्रकाशित करे ज्ञान को,
कर्म प्रकाशित करे ज्ञान को,
Sanjay ' शून्य'
"स्वामी विवेकानंद"
Dr. Kishan tandon kranti
यादों की तस्वीर
यादों की तस्वीर
Dipak Kumar "Girja"
" करवा चौथ वाली मेहंदी "
Dr Meenu Poonia
कुछ जवाब शांति से दो
कुछ जवाब शांति से दो
पूर्वार्थ
जन्नत
जन्नत
जय लगन कुमार हैप्पी
पापा आपकी बहुत याद आती है
पापा आपकी बहुत याद आती है
Kuldeep mishra (KD)
संचित सब छूटा यहाँ,
संचित सब छूटा यहाँ,
sushil sarna
शुभ रात्रि मित्रों.. ग़ज़ल के तीन शेर
शुभ रात्रि मित्रों.. ग़ज़ल के तीन शेर
आर.एस. 'प्रीतम'
बदले में
बदले में
Dr fauzia Naseem shad
हिन्दू एकता
हिन्दू एकता
विजय कुमार अग्रवाल
तेरा मेरा खुदा अलग क्यों है
तेरा मेरा खुदा अलग क्यों है
VINOD CHAUHAN
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
सुता ये ज्येष्ठ संस्कृत की,अलंकृत भाल पे बिंदी।
सुता ये ज्येष्ठ संस्कृत की,अलंकृत भाल पे बिंदी।
Neelam Sharma
हुस्न और खूबसूरती से भरे हुए बाजार मिलेंगे
हुस्न और खूबसूरती से भरे हुए बाजार मिलेंगे
शेखर सिंह
मां तुम्हारा जाना
मां तुम्हारा जाना
अनिल कुमार निश्छल
अगर सड़क पर कंकड़ ही कंकड़ हों तो उस पर चला जा सकता है, मगर
अगर सड़क पर कंकड़ ही कंकड़ हों तो उस पर चला जा सकता है, मगर
Lokesh Sharma
Loading...