चुनावी रण
चुनावी रण मैं इस लेख का नाम इसलिए रख रहा हूं कि आप आज के लोकसभा चुनाव 2019 को बहुत करीब से देख रहे हैं। इस लोकसभा चुनाव में जितने गर्मी धूप की है शायद उससे कहीं ज्यादा गर्मी चुनावी रण की है।
आपका ध्यान जाने अनजाने में केंद्रित होगा कि नहीं पर आज मैं आपका ध्यान वहां पर केंद्रित करने जा रहा हूं जहां पर पक्ष – विपक्ष की कड़ी टक्कर मुकाबला है। आप देखेंगे कि इस बार के चुनाव में कुछ ऐसे सीटें हैं जो खास रहने वाली है जैसे बिहार में पटना साहिब जिला जहां से भाजपा के बागी नेता एवं वर्तमान में कांग्रेस पार्टी का उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा चुनाव लड़ रहे हैं वहीं बीजेपी के केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद जी भी चुनाव लड़ रहे हैं। इसलिए यह सीट इस बार के चुनाव में खास रहने वाली है। इस सीट से हमेशा भाजपा के उम्मीदवार के रूप में शत्रुघ्न सिन्हा जीत के आए हुए हैं पर इस बार विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में लड़ रहे हैं तो देखना होगा कि यह सीट पर कौन बाजी मार पा रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ बिहार के बेगूसराय जिला है जहां से जेएनयू में “भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशा अल्लाह – इंशा अल्लाह” जैसे देश विरोधी नारे लगाने वाले कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार कन्हैया कुमार चुनाव लड़ रहे हैं तो वहीं बीजेपी के हिंदुत्व छवि वाले नेता केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। पिछली बार इस लोकसभा की सीट पर इन दोनों में से कोई नहीं लड़े थे। यहां के लिए यह दोनों उम्मीदवार नए हैं और दोनों एक ही जाति के रहने वाले हैं तो यह भी सीट खास बन जाती है इस बार के चुनाव में, अब देखना होगा कि इस सीट पर कौन बाजी मार पा रहे हैं।
इसी प्रकार उत्तर प्रदेश में कुछ ऐसी सीटें हैं जो इस बार खास रहने वाली है जैसे आजमगढ़ जहां पर समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह कई बार जीतते रहे है पर इस बार वह चुनाव नहीं लड़ रहे हैं बल्कि उनकी जगह पर उनके पुत्र यानी सपा पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव लड़ रहे हैं। वहीं इनको टक्कर देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचार से प्रभावित होने वाले भोजपुरी के सुपरस्टार अभिनेता दिनेश लाल यादव “निरहुआ” भाजपा के टिकट से लड़ रहे हैं। खास बात यह है कि इस सीट से निरहुआ के आ जाने से यह सीट खास बन चुकी है। तो देखना है इस सीट पर भोजपुरी माटी का लाल झंडा गाड़ पाता है या फिर परिवार।
इसी तरह से उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा क्षेत्र जहां पर गांधी परिवार का गढ़ था और इतिहास में अभी तक गांधी परिवार को छोड़कर बाई चांस कोई दूसरे पार्टी के उम्मीदवार वहां से विजयी हुए हैं। पिछली बार इस सीट से राहुल गांधी जीते हुए थे और भाजपा के महिला उम्मीदवार स्मृति ईरानी हारी हुई थी पर इस बार भी इस सीट से कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी एवं फिल्म अभिनेत्री, टीवी पत्रकार और मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुकी स्मृति ईरानी भी यहां से चुनाव लड़ रही हैं। अमेठी में स्मृति ईरानी की लोकप्रियता बढ़ते हुए देख, राहुल गांधी को हारने की डर सताने लगी, जिसके कारण वह अमेठी के साथ साथ केरल के वायनाड से भी चुनाव लड़ रहे हैं। तो इस बार अमेठी सीट से कौन विजयी पताका लहराएंगे यह देखने वाली बात है।
अगली चुनावी रण है उत्तर प्रदेश के रामपुर जिसे समाजवादी पार्टी के आजम खान की गढ़ माना जाता है और आजम खान हमेशा इस सीट से जीतते हुए आए हैं और इस बार भी इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं तो वही कभी समाजवादी पार्टी में रह चुकी फिल्म अभिनेत्री जया प्रदा बीजेपी का दामन थाम के इस बार बीजेपी के उम्मीदवार के रूप में रामपुर से चुनाव लड़ रही है। जिसके चलते यह सीट खास चुनावी रण बन चुका है और देखना है कि इस बार यहां से कौन जीत हासिल कर रहा है।
हैरात वाली बात यह है कि यदि कहीं भारत के किसी कोने में किसी सीट पर चुनावी रण है तो वह उत्तर प्रदेश के वाराणसी सीट पर है। जहां से 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी जीत कर के देश के प्रधानमंत्री बने, वहीं से फिर इस बार चुनाव लड़ रहे हैं जिनके विपक्ष में सेना से बर्खास्त हुए तेज बहादुर यादव, पूर्व रिटायर्ड जज सी एस कर्णन जो कभी सुप्रीम कोर्ट के अवमानना मामले में दोषी करार दिए जा चुके एवं मोदी के हमशक्ल अभिनंदन पाठक जो कभी मोदी का गुणगान करते थे वह भी आज मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
खास बात इस लोकसभा सीट पर यह है कि पिछली बार 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के खिलाफ पाटीदार आंदोलन के मुखिया हार्दिक पटेल ने चुनाव लड़े थे जिन्हें करारी हार मिली थी और इस बार भी वैसे ही कुछ होने वाली है।
तो इस तरीका से इस बार के चुनाव में कुछ इन मुख्य सीटों पर सबकी नजर बनी रहेगी। जो एक तरफ केंद्र में सरकार किसकी बनेगी तो दूसरी तरफ इन सीटों पर किसकी जीत होगी। यह दोनों चीजें लोगों की नजर में चर्चा का विषय बनी रहेगी।
लेखक – जय लगन कुमार हैप्पी ⛳