चुनावी नतीजे
आ गया रे भाई आ गया रे
नतीजा चुनावी आ गया रे
सियासी दंगल जीत गया रे
कोई सियासी खेल हारा रे
कोई जीता भारी बहुमत से
कोई हार गया अल्पमत से
जो जीता थोड़े से अंतर से
पागल हुआ है जीत मंत्र से
यकीं नहीं निज आँखों पर
जीत सोचे जैसे ख्वाबों पर
जो हार गया कम अंतर से
नाराज है वो मशीनी यंत्र से
झुठलाए आए आँकड़ों को
कभी कोसे निज भाग्य को
विजयी विजय नशे में चूर हैं
जुलूस निकालने मशगूल हैं
ढोल नगाड़ें खूब बज रहें हैं
समर्थक खुशी में झूम रहें हैं
लाल गुलाल भी खेल रहें हैं
विजय जश्न रंग में रंग रहें हैं
काफिलें उनके हैं कतारों में
जयकार घोष हैं गलियारों में
बधाई लेने देने में मशगूल हैं
खुशियों के नशे में चूर चूर हैं
जो जीते उन्हें शुभकामनाएं
जो हारे, सुदृढ हों भावनाएँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत