Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jan 2022 · 1 min read

चुनावी दौर

प्रदीप छन्द–
***********
जहाँ आगमन हो नेता का,लगती बड़ी कतार है।
चमचों से रह-रह कर हर पल,होती जय जयकार है।
देख असीमित भीड़ वहाँ पर,भाषण की बौछार हो।
कहें वोट मुझको ही देना,मेरी ही सरकार हो।।१।।

वादे और इरादे झूठे,रोजगार के पक्ष पर।
पुनः धूमफिर कर आते हैं,वोट भुनाती अक्ष पर।।
भोली जनता समझ नजाकत,अड़ती है निज माँग पर।
किन्तु चतुर नेता भी दिग्गज,करें भरोसा स्वाँग पर।।२।।

अन्तिम रात्रि प्रलोभन नगदी,रहे बलवती यदि कहीं।
निःसंदेह मानिए तो फिर,शासन धूर्तों का वहीं।।
किन्तु आज जनता भी माहिर,समझ रही हर चाल को।
स्वयं विजय पाती है अन्तिम,बिना गलाए दाल को।।३।।

**माया शर्मा, पंचदेवरी, गोपालगंज (बिहार)**

Language: Hindi
321 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रोमांटिक रिबेल शायर
रोमांटिक रिबेल शायर
Shekhar Chandra Mitra
World stroke day
World stroke day
Tushar Jagawat
माँ की दुआ
माँ की दुआ
Anil chobisa
जीवन - अस्तित्व
जीवन - अस्तित्व
Shyam Sundar Subramanian
जोशीला
जोशीला
RAKESH RAKESH
भाई
भाई
Kanchan verma
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रही सोच जिसकी
रही सोच जिसकी
Dr fauzia Naseem shad
*हिंदी दिवस मनावन का  मिला नेक ईनाम*
*हिंदी दिवस मनावन का मिला नेक ईनाम*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
SURYA PRAKASH SHARMA
#प्रेरक_प्रसंग-
#प्रेरक_प्रसंग-
*Author प्रणय प्रभात*
साथ
साथ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*लता (बाल कविता)*
*लता (बाल कविता)*
Ravi Prakash
इस्लामिक देश को छोड़ दिया जाए तो लगभग सभी देश के विश्वविद्या
इस्लामिक देश को छोड़ दिया जाए तो लगभग सभी देश के विश्वविद्या
Rj Anand Prajapati
सफर वो जिसमें कोई हमसफ़र हो
सफर वो जिसमें कोई हमसफ़र हो
VINOD CHAUHAN
जख्मो से भी हमारा रिश्ता इस तरह पुराना था
जख्मो से भी हमारा रिश्ता इस तरह पुराना था
कवि दीपक बवेजा
आंखो ने क्या नहीं देखा ...🙏
आंखो ने क्या नहीं देखा ...🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
3152.*पूर्णिका*
3152.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
(11) मैं प्रपात महा जल का !
(11) मैं प्रपात महा जल का !
Kishore Nigam
अनुसंधान
अनुसंधान
AJAY AMITABH SUMAN
खुला आसमान
खुला आसमान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
तुम गंगा की अल्हड़ धारा
तुम गंगा की अल्हड़ धारा
Sahil Ahmad
हम दो अंजाने
हम दो अंजाने
Kavita Chouhan
परिवर्तन जीवन का पर्याय है , उसे स्वीकारने में ही सुख है । प
परिवर्तन जीवन का पर्याय है , उसे स्वीकारने में ही सुख है । प
Leena Anand
अक्षय तृतीया ( आखा तीज )
अक्षय तृतीया ( आखा तीज )
डॉ.सीमा अग्रवाल
काली मां
काली मां
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
بدل گیا انسان
بدل گیا انسان
Ahtesham Ahmad
सदा बेड़ा होता गर्क
सदा बेड़ा होता गर्क
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
जिंदगी है एक सफर,,
जिंदगी है एक सफर,,
Taj Mohammad
Loading...