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20 Mar 2024 · 1 min read

*चुनावी कुंडलिया*

चुनावी कुंडलिया
🍃🍃🍃🍂🍂
होली की पिचकरियॉं, पिचकारी की धार (कुंडलिया)
_________________________
होली की पिचकरियॉं, पिचकारी की धार
चलें चुनावों में घनी, वोटों की बौछार
वोटों की बौछार, गुलाल मलें मनचाहा
मन के कटुता-बैर, होलिका में हों स्वाहा
कहते रवि कविराय, वोट मॉंगेंगी टोली
कीचड़ से रह दूर, रंग से खेलो होली
———————————-
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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