*चुनावी कुंडलिया*
चुनावी कुंडलिया
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लड़ना लोकसभा सुनो, धनवानों का खेल (कुंडलिया)
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लड़ना लोकसभा सुनो, धनवानों का खेल
पूॅंजीपतियों का हुआ, इस चुनाव से मेल
इस चुनाव से मेल, बहाया पैसा जाता
जिसकी भारी जेब, जीत से उसका नाता
कहते रवि कविराय, कहॉं चक्कर में पड़ना
लोकतंत्र में स्वप्न, आज निर्धन का लड़ना
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451