Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2024 · 1 min read

चुनरिया हम चढ़ाई कईसे

गरजेला बघवा, मंदिर बीच मईया
सेवका त, आईल बाडे, राऊर दुवरिया
कि बघवा गरजत बाडे हो$2
बीच दुवरिया आके मईया, चुनरिया हम चढ़ाई कईसे

करूण पुकार के अरज सुना मईया हो
बेडा पार, लगा दी, मोर नईया हो
सेवा करे के देहले, बाडू बचनिया
पूजल चाहत तानि, राऊर चरनिया
कि मनवा घबरात बाडे हो$2
देखी बघवा के नजरिया, चुनरिया हम चढ़ाई कईसे

आईल चईत के, पावन महिनवा
यशों के साल, देई देही दर्शनवा
जन्मों-जन्म हम, सुनाई भजनवा
यश कृर्ति के, भर देही खजनवा
कि भक्ता आश्रित बाडे हो$2
पंडा आवे, नाहि देता पजरिया, चुनरिया हम चढ़ाई कईसे

1 Like · 31 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Er.Navaneet R Shandily
View all
You may also like:
यादों के बादल
यादों के बादल
singh kunwar sarvendra vikram
3527.*पूर्णिका*
3527.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*कौन है ये अबोध बालक*
*कौन है ये अबोध बालक*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रक्त के परिसंचरण में ॐ ॐ ओंकार होना चाहिए।
रक्त के परिसंचरण में ॐ ॐ ओंकार होना चाहिए।
Rj Anand Prajapati
एक शख्स
एक शख्स
Pratibha Pandey
*नए वर्ष में स्वस्थ सभी हों, धन-मन से खुशहाल (गीत)*
*नए वर्ष में स्वस्थ सभी हों, धन-मन से खुशहाल (गीत)*
Ravi Prakash
कैसी लगी है होड़
कैसी लगी है होड़
Sûrëkhâ
संदेश बिन विधा
संदेश बिन विधा
Mahender Singh
"तलाश"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
विरह की वेदना
विरह की वेदना
surenderpal vaidya
पाँव थक जाएं, हौसलों को न थकने देना
पाँव थक जाएं, हौसलों को न थकने देना
Shweta Soni
शौक या मजबूरी
शौक या मजबूरी
संजय कुमार संजू
बड़ी कथाएँ ( लघुकथा संग्रह) समीक्षा
बड़ी कथाएँ ( लघुकथा संग्रह) समीक्षा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
संसाधन का दोहन
संसाधन का दोहन
Buddha Prakash
बारिशों में कुछ पतंगें भी उड़ा लिया करो दोस्तों,
बारिशों में कुछ पतंगें भी उड़ा लिया करो दोस्तों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैं........ लिखता हूँ..!!
मैं........ लिखता हूँ..!!
Ravi Betulwala
वक्त के साथ-साथ चलना मुनासिफ है क्या
वक्त के साथ-साथ चलना मुनासिफ है क्या
कवि दीपक बवेजा
*
*" कोहरा"*
Shashi kala vyas
धुंध इतनी की खुद के
धुंध इतनी की खुद के
Atul "Krishn"
बेशक ! बसंत आने की, खुशी मनाया जाए
बेशक ! बसंत आने की, खुशी मनाया जाए
Keshav kishor Kumar
.
.
*प्रणय प्रभात*
नींद और ख्वाब
नींद और ख्वाब
Surinder blackpen
*मुझे गाँव की मिट्टी,याद आ रही है*
*मुझे गाँव की मिट्टी,याद आ रही है*
sudhir kumar
एक कप कड़क चाय.....
एक कप कड़क चाय.....
Santosh Soni
रमेशराज के शृंगाररस के दोहे
रमेशराज के शृंगाररस के दोहे
कवि रमेशराज
उम्रभर
उम्रभर
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
प्रेम में डूबे रहो
प्रेम में डूबे रहो
Sangeeta Beniwal
हम इतने सभ्य है कि मत पूछो
हम इतने सभ्य है कि मत पूछो
ruby kumari
आज का महाभारत 1
आज का महाभारत 1
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...