“चीन को चेतावनी”
“चीन को चेतावनी”
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ना समझो हम बासठ के है
अब ट्वेंटी ट्वेंटी हो जाएगा
अब चाल तुम्हारी नही चलेगी
हिन्दी-चीनी भाई कहके तू भुलवाएगा!
नापाक कदम तू खींच ले पीछे
हम बढ़ गये आगे तो पछताएगा
अब और ना दे गीदड़ भभकी
हम बिगड़ गये तो चीन चिन्दी-चिन्दी उड़ जाएगा!
खेल समझ ना सड़सठ का है
दिखा के आख निकल जाएगा
हम चुप है तो ना समझो यह कमजोरी है
सम्प्रभुता से जब खेलोगे छप्पन इंची सीना चढ जाएगा!
व्यर्थ ना जाएगी यह बलिदानी
अपनी संप्रभुता के खातिर हर भारतवासी जान लुटाएगा
डोकलाम में हमने देखी सीमा पर तेरी मनमानी
भारत विश्व शांति का सूचक है सोच के चुप रह जाएगा !
अब छोड़ दे अपनी गंदी हरकत
पाकिस्तान सा दुनिया से अलग-थलग हो जाएगा
हम हाग-कांग है ना ताइवानी
कब्जा की तू छोड़ दे बात चाहें तो हम ड्रैगन भी झुक जाएगा !
तू सोच रहा है जो उस वक्त की बात नहीं है
अब बदल गया है वक्त नक्शा भी बदल जाएगा
अपनी जीद पर अड़कर जो तू करेगा मनमानी
भड़क गए जो भारत के बलिदानी तू मिट्टी में मिल जाएगा !
***** सत्येन्द्र प्रसाद साह(सत्येन्द्र प्रसाद बिहारी)*****