चीख को लय दो
आख़िर ऐ मेरे
दोस्त मासूम
कब तक बैठोगे
ऐसे गुमसुम…
(१)
अपनी चीखों को
एक लय दो
और अपनी आहों को
एक धुन…
(२)
पूरी तरह
नाकाम होकर भी
बहुत कुछ
कर सकते हो तुम…
(३)
कोई शब्द
लिखने से पहले
उसमें मिलाओ
अपना ख़ून…
(४)
जिसे लोग तुम्हारा
ऐब समझते
दरअसल वही है
तुम्हारा गुन…
(५)
सूली पे चढकर
ऐसा दो भाषण
जिसकी मच जाए
दुनिया में धूम…
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Shekhar Chandra Mitra
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