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20 Feb 2024 · 1 min read

चिर मिलन

बांसुरी बजे उठी तुमने क्या गा दिया
मानो अमृत घटाओं ने बरसा दिया
गुनगुनाते अधर मुस्कुराते नयन
मन की वीणा को सहसा ही सरसा दिया

जब उठाए नयन झांकियां सज उठी
जब झुकाए नयन घंटियां बज उठी
कली खिलने लगी पवन गाने लगी
मृदु लताओं को वृक्षों ने लिपटा लिया

चल रही है बसंती पवन मद भरी
पुष्प वल्लव नए डालियों पर खिले
तुम हमारे हुए हम तुम्हारे हुए
जन्मों के बिछड़े थे तुमने अपना लिया

Language: Hindi
1 Like · 108 Views

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