Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Oct 2021 · 1 min read

चिन्ता

रखना सहेज कर
छोटी सी गुड़िया के
सपनों का घर।
बाबा ने विनती की
बेटी को
ससुराल भेजकर।
डर था
दहेज का।
—————————-

Language: Hindi
469 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

हमारी सोच
हमारी सोच
Neeraj Agarwal
मौन
मौन
P S Dhami
बहना तू सबला बन 🙏🙏
बहना तू सबला बन 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तस्सुवर की दुनिया
तस्सुवर की दुनिया
Surinder blackpen
■ सब व्हाट्सअप यूँनीवर्सिटी और इंस्टाग्राम विश्वविद्यालय से
■ सब व्हाट्सअप यूँनीवर्सिटी और इंस्टाग्राम विश्वविद्यालय से
*प्रणय*
लगे चेहरा मुझे तेरा कसम से ईद का चंदा।
लगे चेहरा मुझे तेरा कसम से ईद का चंदा।
आर.एस. 'प्रीतम'
*हम किसी से कम नहीं*
*हम किसी से कम नहीं*
Dushyant Kumar
आकांक्षा तारे टिमटिमाते ( उल्का )
आकांक्षा तारे टिमटिमाते ( उल्का )
goutam shaw
हौसला रखो
हौसला रखो
Dr. Rajeev Jain
सुंदरता विचारों में सफर करती है,
सुंदरता विचारों में सफर करती है,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
उम्मीद कभी तू ऐसी मत करना
उम्मीद कभी तू ऐसी मत करना
gurudeenverma198
!! बोलो कौन !!
!! बोलो कौन !!
Chunnu Lal Gupta
चंदा पर चलने लगा मेरा हिंदुस्तान
चंदा पर चलने लगा मेरा हिंदुस्तान
RAMESH SHARMA
एक माँ के अश्कों से
एक माँ के अश्कों से
Ahtesham Ahmad
नही आवड़ै
नही आवड़ै
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
"शौर्य"
Lohit Tamta
*चराईदेव के मैदाम (कुंडलिया)*
*चराईदेव के मैदाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
पाठको से
पाठको से
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
देख लेती जब, तेरी जानिब ,
देख लेती जब, तेरी जानिब ,
Dr fauzia Naseem shad
एक किताब खोलो
एक किताब खोलो
Dheerja Sharma
सोना बन..., रे आलू..!
सोना बन..., रे आलू..!
पंकज परिंदा
याद है पास बिठा के कुछ बाते बताई थी तुम्हे
याद है पास बिठा के कुछ बाते बताई थी तुम्हे
Kumar lalit
हो तन मालिन जब फूलों का, दोषी भौंरा हो जाता है।
हो तन मालिन जब फूलों का, दोषी भौंरा हो जाता है।
दीपक झा रुद्रा
फाल्गुन महिनवा में
फाल्गुन महिनवा में
Er.Navaneet R Shandily
उसकी याद कर ले , हे बन्दे !
उसकी याद कर ले , हे बन्दे !
Buddha Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
विश्वास
विश्वास
sushil sarna
4484.*पूर्णिका*
4484.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
समय की महत्ता
समय की महत्ता
उमा झा
"आईना"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...