चिन्तन
चिन्तन करो अवश्य, चिन्तन सन्तुष्टि होय ।।
चिन्तन से पथ प्रशस्त हो, सुख की निद्रा सोय ।।
चिन्तन जरूरी जीवन में, चिन्तन समस्या समाधान ।।
चिन्तन दुःख सब दूर करे, बिना किसी व्यवधान ।।
चिन्तन शिक्षा जरूरी है, चिन्तन जरूरी व्यापार ।।
चिन्तन जरूरी गृहस्थ में, चिन्तन तर्क व्यवहार ।।
चिन्तन पाखण्ड दूर करे, चिन्तन तृप्ति खान ।।
चिन्तन भटकन दूर करें, बनाए चिन्तन महान ।।
चिन्तन ढोंग का शत्रु है, चिन्तन अनुपम उपहार ।।
चिन्तन सही पथ प्रशस्त करे, चिन्तन चापलूसी मार ।।
चिन्तन है यदि आप में, चिन्तन ज्ञान का दान ।।
चिन्तन मंजिल बैठक दे, चिन्तन बनाए महान ।।
चिन्तन सबका सहयोगी, चिन्तन अंधविश्वास नाश ।।
चिन्तन शस्त्र ज्ञान का, चिन्तन सुखद अहसास ।।
चिन्तन किए विचार हो, चिन्तन बुद्धिकौशल मित्र ।।
चिन्तन सबको सुखदायी हो, चिन्तन बाहर व भीतर ।।
चिन्तन करो हर बात पर, चिन्तन से लो बस काम ।।
चिन्तन अपना स्वयं का, मिले बिना किसी दाम ।।
चिन्तन बचाए पाखण्ड से, चिन्तन मुक्ति वरदान ।।
चिन्तन ढोंग से दूर करे, चिन्तन ही सबसे महान ।।
चिन्तन विकास को राह दे, चिन्तन साथी सर्वकाल ।।
चिन्तन परम सहयोगी है, चिन्तन चित् देखभाल ।।
चिन्तन धर्म का सहयोगी, शोषण से रखे दूर ।।
चिन्तन कठमूल्लापन मुक्ति दे, चिन्तन सुख भरपूर ।।
चिन्तन शास्त्रार्थ जान है, चिन्तन सही-गलत कसौटी ।।
चिन्तन सब हेतु जरूरी है, पिता, माता, भाई, बहन, बेटी ।।
चिन्तन बिना जीवन अंधा है, चिन्तन जीवन का नेत्र ।।
चिन्तन सर्वत्र पूर्जित है, चिन्तन सर्वव्यापी सर्व क्षेत्र ।।
चिन्तन मिशनरी जडकार है, चिन्तन मतान्तरण को मार ।।
चिन्तन स्वयं पर विश्वास दे, चिन्तन सकार व नकार ।।
चिन्तन यदि हो पास में, मूल्ले-पादरी रहेंगे दूर ।।
चिन्तन हमें ऐसा विवेक दे, विचार-विमर्श भरपूर ।।
चिन्तन से सदैव काम लें, आशा हो या विश्वास ।।
चिन्तन श्रद्धा व आस्था में, चिन्तन जीवन प्रकाश ।।
चिन्तन दर्शन की पहल है, चिन्तन दर्शनशास्त्र प्रवेश ।।
चिन्तन ऐसा विवेक है, मूढ़ता न छोड़े शेष ।।
चिन्तन पिछलग्गूपन मार है, चिन्तन आर्य धर्म जान ।।
चिन्तन इसकी पहचान है, चिन्तन समझ में स्नान ।।
चिन्तन तर्क को धार दे, चिन्तन दूर करे गुलामी ।।
चिन्तन जीवन की दिशा सुनो, चिन्तन बनाए स्वामी ।।
चिन्तन वैदिक संस्कृति में, चिन्तन का स्वागत करे ।।
चिन्तन में वह जादू है, सार्थकता जीवन भरे ।।
चिन्तन का सब साथ लो, चिन्तन को सब अपनाओ ।।
चिन्तन निश्चित सफल करे, शक्ति यह अपनी बढ़ाओ ।।
चिन्तन जरूरी विज्ञान में, चिन्तन धर्म शुरूआत ।।
चिन्तन जरूरी दर्शनशास्त्र, चिन्तन में कुछ ऐसी बात ।।
चिन्तन जिसने भी अपनाया, जीवन में फूल खिले ।।
पारदर्शी उसका जीवन बना, पाखण्ड के नहीं सिलसिले ।।े
चिन्तन विकास को गति दे, चिन्तन शोध में वृद्धि ।।
चिन्तन नया करने को दे, बढ़ते मेधा व बुद्धि ।।
चिन्तन व्यक्ति को आजाद करे, चिन्तन खुद का सम्मान ।।
चिन्तन अपनत्व प्रदान करे, चिन्तन लक्ष्य सन्धान ।।
चिन्तन का साथ लेकर के, मनुष्य मनुष्य बनता ।।
सम्भावनाओं को सींच दे, कवच सुरक्षा का तनता ।।
आर्य वैदिक संस्कृति महान, चिन्तन इसकी जड़ में ।।
पहरेदारी इसकी चिन्तन है, न आती पाखण्ड पकड़े में ।।
आर्यावर्त भारतभूमि सुनो, सनातन चिन्तन प्रधान ।।
समस्त धरा मानव की यह, हर समस्या समाधान ।।
चिन्तन, मनन, विचारप्रिय; तर्क, शास्त्रार्थ, वाद-विवाद ।।
तर्क से तर्कातीत भारतभूमि, सर्वजन हृदय आल्हाद ।।