चित्रकार उठी चिंकारा बनी किस के मन की आवाज बनी
चित्रकार उठी चिंकारा बनी किस के मन की आवाज बनी
वो राग हुआ विराग हुआ किस के जीवन अभिशाप बनी
सद्कवि प्रेमदास वसु सुरेखा
चित्रकार उठी चिंकारा बनी किस के मन की आवाज बनी
वो राग हुआ विराग हुआ किस के जीवन अभिशाप बनी
सद्कवि प्रेमदास वसु सुरेखा